काले जादू की डरावनी कहानी

 **काले जादू की डरावनी कहानी**  




**"सन्नाटा गांव का रहस्यमयी कुआं"**  


गांव के बाहर एक पुराना और सूना कुआं था, जिसे लोग 'भूतिया कुआं' कहते थे। किसी ने कभी नहीं देखा कि उस कुएं में पानी का उपयोग हुआ हो, लेकिन अजीब घटनाओं के कारण पूरे गांव में उसकी चर्चा थी। कहा जाता था कि वहां रात के समय अजीब आवाजें आती हैं।  


रमेश, जो शहर से गांव में कुछ दिनों के लिए रहने आया था, इन बातों पर बिल्कुल विश्वास नहीं करता था। उसने गांववालों से सुनी कहानियों को मजाक में लिया और चुनौती दे दी कि वह उस कुएं के पास जाकर एक पूरी रात बिताएगा।  


उस रात, रमेश ने लालटेन ली और अकेला कुएं की ओर निकल पड़ा। गांव के लोग उसे रोकने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह नहीं माना। जैसे ही वह कुएं के पास पहुंचा, एक अजीब ठंडक ने उसे घेर लिया। वह इसे हवा का झोंका समझकर अनदेखा कर दिया और कुएं के पास बैठ गया।  


रात के 12 बजे के करीब, रमेश ने महसूस किया कि किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा है। उसने पलटकर देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था। अचानक, कुएं से एक धीमी-धीमी गूंजती हुई आवाज आने लगी। वह डरकर पीछे हटने लगा, लेकिन तभी उसे कुएं के अंदर एक परछाईं दिखाई दी। परछाईं धीरे-धीरे एक महिला का रूप ले रही थी।  


महिला का चेहरा विकृत और डरावना था। उसने रमेश से कहा, "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी नींद को भंग करने की?" रमेश डर के मारे बोल नहीं पाया। महिला ने उसे बताया कि वह एक जादूगरनी थी, जिसे सालों पहले गांववालों ने काले जादू के आरोप में मारकर इसी कुएं में फेंक दिया था। उसकी आत्मा अब बदला लेने के लिए वहां भटक रही थी।  


रमेश ने माफी मांगी और वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन वह जहां जाता, महिला का भूत उसके सामने आ जाता। अगली सुबह गांववालों ने रमेश को बेहोश हालत में कुएं के पास पाया। वह जिंदा तो था, लेकिन उसकी आंखों में गहरा डर बैठा हुआ था।  


इसके बाद, रमेश ने कभी उस घटना के बारे में बात नहीं की, लेकिन गांववालों ने उसे उस कुएं की सच्चाई मानने पर मजबूर कर दिया। तब से कोई भी उस कुएं के पास जाने की हिम्मत नहीं करता।  


**सीख:** कभी भी अनजान और रहस्यमयी जगहों को हल्के में न लें। हो सकता है, वहां कोई ऐसा रहस्य छिपा हो, जो आपकी कल्पना से परे हो।  

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