पिशाच की मदद
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक प्राचीन मकबरा था। इस मकबरे के बारे में लोगों के बीच अनगिनत कहानियाँ फैली हुई थीं। कहानियों में कहा जाता था कि इस मकबरे में एक पिशाच प्रेत रहता है, जो रात में अपनी रौशनी के साथ गांव के आस-पास घूमता है। लोग डर के मारे इस मकबरे से दूर रहते थे और उसे पुरानी बातें मानते थे।
एक बार, गांव में एक नौजवान लड़का नाम राहुल रहता था। राहुल उत्साही और साहसी था। उसे यह सब कहानियाँ अच्छी लगती थीं, लेकिन वह इन सबको सिरियसली नहीं लेता था। उसे लगता था कि ये सब केवल लोगों की काल्पनिकता है।
एक रात, राहुल को एक बार्न में रात भर काम करना पड़ा। रात देर हो गई थी और वह एकांतवास में अकेला था। उसे थोड़ी डर लग रही थी, लेकिन वह खुद को साबित करना चाहता था कि उसे किसी भी प्रकार का डर नहीं होता।
समय बितते हुए, राहुल के सामने वही प्राचीन मकबरा आ गया, जिसके बारे में उसने कहानियाँ सुनी थी। राहुल का दिल धड़क रहा था, लेकिन वह अपनी निडरता बरकरार रखने के लिए आगे बढ़ता रहा।
जब वह मकबरे के पास पहुंचा, वह एक चमकीली आँखों की आभा देखा। राहुल को ध्यान आया कि एक आदमी वहाँ खड़ा था, जो पुराने सफेद कपड़ों में बंधा हुआ था और चेहरे पर भयंकर रूप लिया हुआ था। राहुल के जीभ पर सवाल उठने लगे।
राहुल ने अपने दिल की सारी हिम्मत इकट्ठी की और उस आदमी के पास जाकर पूछा, "तुम कौन हो?"
वह आदमी भीषण रूप लिए हुए बोला, "मैं एक पिशाच हूँ। मैं यहाँ से निकला नहीं जा सकता, लेकिन मुझे एक अनमोल चीज की तलाश है। क्या तुम मेरी मदद करोगे?"
राहुल को डर तो था, लेकिन उसने सोचा कि यह एक मौका है इस प्रेत को जीवित दिखाने का। वह नामंजूर नहीं होना चाहता था।
राहुल ने पिशाच से पूछा, "चाहे आप की चीज जो भी हो, मुझे बताएं, मैं आपकी मदद करने के लिए तैयार हूँ।"
पिशाचपिशाच ने बड़े ही खुशी के साथ कहा, "धन्यवाद! यहाँ सदियों से मेरी एक मशहूर गुफा है, जिसमें एक चमकीली मणि संग्रहित है। वह मणि मेरे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके बिना, मैं इस दुनिया में बंद रहूंगा। मेरी मदद करके, तुम उस मणि को मेरे लिए ढूंढ़कर ला सकते हो।"
राहुल ने अपनी सहमति दी और दोनों एक साथ गुफा की ओर चले। गुफा बहुत अंधेरा था और राहुल को आंखों को अदान-प्रदान करने में काफी समय लगा। धीरे-धीरे, दोनों ने गुहार लगाना शुरू किया।
अचानक, राहुल की आंखों के सामने चमकीली मणि की एक ज्योति दिखाई दी। वह मंदिर के मध्य में एक खंडहर में रखी हुई थी। राहुल ने उसे उठाकर पिशाच को दिखाया। पिशाच अपनी खुशी नहीं छुपा सका और अगले ही पल उसे उठाने की कोशिश की।
लेकिन, जैसे ही पिशाच ने मणि को हाथ लगाया, गुफा की सारी दीवारें तेजी से चंद्रमा की रोशनी से प्रकाशित हो गईं। राहुल और पिशाच के चरम डर से, वे अपने आप को आंखों के सामने एक विशालकाय शव के साथ घिरे हुए पाए गए। शव के चेहरे पर दरावने मुद्राएँ थीं और वह उनसे दरारें निकाल रहा था।
राहुल ने भयभीत होकर पिशाच से पूछा, "यह क्या हो रहा है? क्या हमारी मदद की जगह, हमें आगे के संघर्ष के लिए फंसाया गया है?"
पिशाच बहुत पछताता हुआ दिखाई दिया और कहा, "माफ़ करो, यह मेरा सच्चा रूप है। मैं यह सब कुछ तब तक छिपा सकता था जब तक कि मणि मेरे पास नहीं थी। अब मैं तुम्हें अपने द्वारा दिए गए वचन को पूरा करना होगा। तुम्हें मेरे साथ इस गुहार में सदा के लिए बंद कर दिया जाएगा।"
राहुल के चेहरे पर डर की झलक छाई और उसने चिल्लाया, "नहीं! मुझे यहाँ से बाहर निकलना होगा। मैं तुम्हारी बातों में विश्वास नहीं करता!"
यह सुनकर, पिशाच ने मचाई भयंकर चीखें और राहुल के पास धावा बोला। राहुल ने बिना सोचे समझे एक पाथर उठाया और पिशाच की ओर फेंक दिया। पाथर ने पिशाच के समुँह पर लगाई और उसे बेहोश कर दिया। राहुल ने तत्पश्चात् गुहार के बाहार निकलने का प्रयास किया और सफलतापूर्वक गुफा से बाहर निकल गया। वह गहरी साँस लेते हुए और घबराहट से भरा हुआ था। राहुल ने यह महसूस किया कि उसने अपनी वीरता को साबित कर दिया है और उसने अपनी बात के लिए खुद को गर्व महसूस किया।
वह जब अपने गांव लौटा, तो लोग उसके बाहर आने के कारण चकित हो गए। उन्होंने राहुल से पूछा कि उसने मकबरे में क्या देखा है। राहुल ने बताया कि उसने किसी पिशाच को बेहोश कर दिया है और वह उसे मकबरे में छोड़कर आया है। लोग आश्चर्यचकित और आश्चर्यचकित हो गए और राहुल की हिम्मत पर प्रशंसा की।
इस घटना के बाद, गांव के लोग अब मकबरे के बारे में कुछ भी नहीं मानते थे। राहुल की वीरता की कहानी पूरे गांव में फैल गई और उसे लोगों की आदर्श प्रतिभा के रूप में माना जाने लगा। राहुल ने अपने अंदर की हिम्मत और साहस का अनुभव किया और उसकी ज़िंदगी में एक महत्वपूर्ण पट बन गया।
यह घटना दिखाती है कि कभी-कभी हमें अपने डरों का सामना करना पड़ता है और हमें उनका मुकाबला करना होता है, ताकि हम अपनी हिम्मत को प्रदर्शित कर सकें। राहुल ने यह सिद्ध किया कि डर सिर्फ एक कल्पना है और जब हम उसे पार करते हैं, तो हम अपार साहस और शक्ति का अनुभव करते हैं।
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