एक बिल्ली काली रंग की
एक बिल्ली काली रंग की थी और उसके आंखें नीली रंग की चमक रही थीं। वह अपने मालिक के घर में रहती थी, जो कि एक अकेले रहने वाले बूढ़े आदमी थे। घर एक अंधेरे और डरावने जंगल में स्थित था। एक दिन, बिल्ली रात के समय उसके मालिक के साथ अकेले होने की वजह से अचानक डर गई। उसने लगातार विचार किया कि कुछ गलत होने वाला है।
अचानक, उसने एक उग्र स्वर सुना। उसने घबराते हुए उन ध्वनियों की ओर देखा और देखा कि वहां एक पुरानी खिड़की खुल रही थी। बिल्ली धीरे-धीरे खिड़की के पास चली गई और देखा कि उसके आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।
वह थोड़ी देर बाद बड़े डर के साथ अपने मालिक के पास गई और उसे सब कुछ बताया। बूढ़ा आदमी ने धीरे से बिल्ली को समझाया कि वह उसे नगरीया भूत कहलाने वाले आत्मा के लिए तैयार रहे, जो कि उसके घर में बस गई है।
बिल्ली और उसके मालिक ने सोचा कि उन्हें इस भूत को दूसरे घर में भगाना चाहिए। वे दिनभर घर के चारों कोनों में भूत को भगाने की कोशिश की, लेकिन वह वापस आ गया। रात को, भूत और उसकी डरावनी आवाजें और उग्र स्वर सुनाई देने लगे।
बिल्ली और उसके मालिक ने आखिरकार एक योजना बनाई। वे एक बड़े दरवाजे के पास खड़े हुए और उसे खोलने के लिए कहा। जब दरवाजा खुला, तो वे एक चमत्कार देखा। खिड़की में फंसा एक दूसरा भूत था, जो खुद को नगरीया भूत कह रहा था। वे दोनों भूत एक-दूसरे की भीड़ में खो गए और नगरीया भूत को भगाने के लिए मायावी शक्तियों का उपयोग किया।
बिल्ली और उसके मालिक के द्वारा खुद बचाने के लिए यह एक बड़ी सफलता थी। वे खुशी से घर लौटे और उस रात बिल्ली और उसके मालिक को कोई तंग नहीं कर सकता था। उन्होंने देखा कि उस रात के बाद से उनका घर शांत और सुरक्षित हो गया था।
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