डायन का बदला

 





राजस्थान राज्य के करौली ग्राम के निकट सीतापुर इलाके में आज भी खून की प्यासी डाइनो का बसेरा है। राजस्थान के लोगों का मानना है। कि यहां रात में गुजरने वाले लोगों को डायन पहले तो अपने बस में करती है और बाद में उस इंसान का खून पीकर स्वयं को अमर करती है वहां माना जाता है कि यह इलाका डाइनो का है यहां पर इंसान का कदम रखना खतरे से खाली नहीं है।

और अगर आप वहां पर गए तो किसी तरह की गलती आपके लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है अगर आपको इस बात पर यकीन ना हो रहा हो तो आप यहां पर किसी भी पैरों में कील गाड़ कर खुद ही देख लीजिए लेकिन आप लोगों का मौत से सामना जरूर हो जाएगा आप लोगों को भले ही आपको यह अंधविश्वास लग रहा हूं तो इस भूतिया गांव का यही दस्तूर है।

इस भूतिया गांव को अभिशप्त माना जाता है यहां पर एक-दो नहीं बल्कि बहुत सारे इलाकों में डायनों का बसेरा है सुरजा के निकट इस छोटे से गांव में डायनों का अब पूरा राज्य बस चुका है यहां पर ऐसा माना जाता है कि पहले एक डायन रहती थी लेकिन डायन ने गांव की कुछ लड़कियों की हाथ हत्या को अपने बस में करके अपने साथ जोड़ लिया। (Real horror story)

आज वही लड़कियां इन लाइनों के साथ मिलकर खुद को अमर करने की कोशिश करती है यह गांव की वही जगह है जहां वास्तविकता में यहां के पुरुषों को रात में निकलने पर प्रतिबंध है कब किस कौन सी जगह पर डायन उन्हें अपने बस में कर ले कोई नहीं जानता अभी तक यह पर पुल 54 ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।

जिनमें से पुरुष लापता हो गए लेकिन उनका अभी तक कोई अता पता नहीं चला है यही माना जाता है कि डायन ने उन पुरुषों को मार दिया होगा।

सीतापुर में पेड़ों को काटने पर भी प्रतिबंध लगाई गई है यहां पर बड़ों के ऊपर लाइनों के रहने की बात बताई जाती है एक बार पेड़ काटने पर गांव के एक पुरुष की मौत हो गई थी तब से ही माना जाता है कि डायनों का पेड़ काटने पर उसकी मौत हो जाती है।

यहां पर एक टूटी हुई हवेली के अंदर एक छोटी सी कोटरी है जिसमें कोई भी नहीं आता जाता है और माना जाता है कि इस अंधेरी कोठरी में जो भी गया वह वापस कभी नहीं लौट कर आया है 21 लोगों की मौत की गवाह इस डरावनी कोटरी को यहां के प्रशासन ने भी सील कर दिया है डायना को अपने बस में करने के लिए यहां पर कोई तांत्रिकों ने भी अपनी पूरी शक्ति लगा दी।

लेकिन इस बीच 78 तांत्रिकों की भी मौत हो गई जिसके बाद तांत्रिक यहां की लाइनों को अपने बस में करने से घबराने लगे कहा जाता है कि गांव में हर अमावस्या और पूर्णिमा की रात को कोई भी बाहर नहीं निकलता।

हालांकि यह काफी पुरानी बात है अब लोग अपने घरों को अच्छे से बंद करके घरों में रहते हैं गांव के कुछ लोगों ने यह अनुभव किया है कि अक्सर रास्ते में चलते वक्त उन्होंने अजीबोगरीब आवाज सुनाई देती हैं।

लेकिन पीछे मुड़कर कोई नहीं दिखता गांव के राजीव नाम के व्यक्ति ने तो अपनी बाइक पर एक डायन को लिफ्ट तक दी थी।

काफी लंबा रास्ता तय करने के बाद उसे एहसास हुआ कि उसके पीछे कोई बैठा हुआ है पर उसने जब पीछे मुड़कर देखा तो कोई भी नहीं था सीतापुर के लोगों का यह मानना है।

कि यहां कई साल पहले एक खूबसूरत महिला के साथ गांव के कुछ लोगों ने बलात्कार किया था उसे बंदी बना कर रख लिया और उसके बाद मैं उस महिला की बेरहमी से हत्या कर दी उसके बाद वहीं डायन बनकर हां अपना बदला पूरा करती है।


डायन की चुनौती



एक बार एक छोटे गांव में एक समय की बात है। गांव में एक घर था जिसे सभी लोग डायनी घर के रूप में जानते थे। उस घर के बारे में कई कहानियाँ प्रसिद्ध थीं और लोगों के मन में डर का माहौल पैदा कर रही थीं।

एक बार, गांव के एक युवक ने फौजी जैसे साहसिक भाव से निर्धारित किया कि उसे डायनी घर में जाना है। लोगों ने उसे चेतावनी दी और उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह अड़चनों को नजरअंदाज करते हुए डायनी घर की ओर बढ़ा।

वह अकेला ही घर की ओर बढ़ता गया, और धीरे-धीरे घर के द्वार पर पहुंचा। दरवाजा खुला हुआ था, और उसे अंदर घुसने की इच्छा आ रही थी, लेकिन वह थोड़ी देर यहाँ तक पहुंचते ही बंद हो गया। उसने ध्यान दिया कि दरवाजे की ओर बढ़ते हुए उसे एक साया नजर आ रहा है। साया उसके पास आगे बढ़ा और उसका रूप बदलते हुए एक डायन का हो गया।

युवक को डर लगा, और वह पीछे हटने की कोशिश करने लगा, लेकिन दरवाजा अचानक जम गया। वह डर से कांपने लगा और डायन उसकी ओर बढ़ने लगी। युवक को संज्ञा बंधन का आभास हुआ और वह डायन की काबिलियतों को समझने की कोशिश करने लगा।

धीरे-धीरे, युवक ने अपने आप को सामरिक भावों से दिमाग़ दिया और एक साहसिक प्राणी बन गया। उसने अपनी आंखें बंद कीं और जोरदार आवाज़ के साथ डायन को बुलाया, "डायन! यदि तुम मेरे आगे बढ़ती हो, तो मैं तुम्हें ध्यान से देख सकता हूं।"

धीरे-धीरे डायन उसके पास बढ़ी और उसने आंखें खोलीं। वह देखा कि डायन उसके सामने खड़ी हो गई है, लेकिन उसकी देह विकृत हो चुकी थी। उसने चाहा कि डायन को देखने के बाद वह डर के कारण पछतावा करे, लेकिन वह अपने साहसिक अभिप्रेत के साथ डायन को जीत गया था।

जैसे ही युवक ने डायन को देखा, वह डायन बुरी तरह से चिल्लाई और गायब हो गई। दरवाजा खुल गया और युवक बच गया। लोग चौंक गए और उसकी साहसिकता को सलामी दी। युवक ने डायनी घर की सच्चाई को साबित कर दिया था और उसके बाद से उसे गांव के वीर बनाया गया।

यह डायनी हॉरर स्टोरी दिखाती है कि कभी-कभी डर को मुकाबला करने के लिए साहस और विश्वास की आवश्यकता होती है। युवक ने अपने भय का सामना करके उसे जीत लिया और दिखाया कि डायनों के पीछे डर के सिवाय कुछ नहीं होता।

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