डायन की खोज (DHYAN)




एक बार की बात है, एक गांव में एक लड़का नाम राहुल रहता था। राहुल बचपन से ही डरपोक था और रात को अकेले में सोने से बचने के लिए उसके माता-पिता उसे उनके साथ ही सोने को कहते थे। राहुल को डर होता था कि रात को कुछ अजीब सा हो जाएगा और उसे कोई डायन या भूत नुकसान पहुंचा देगा।

एक दिन, राहुल के माता-पिता शहर जाने के लिए बाहर गए और राहुल को अकेले घर में छोड़ गए। रात के समय, राहुल को घड़ी की आवाज़ सुनाई दी और वह देखने के लिए बाहर निकला। जब वह घर के बाहर पहुंचा, तो उसे अपनी चप्पल घूँटती हुई एक स्त्री की आवाज़ सुनाई दी।

राहुल के दिल में डर की लहर उठी और वह उस स्त्री की ओर आगे बढ़ा। स्त्री बहुत ही डरावनी थी, उसके चेहरे पर चोट थी और उसके बाल उलझे हुए थे। राहुल डर से काँपते हुए वहां से भागने की कोशिश करता हुआ अपने कमरे में पहुंचा।

लेकिन जैसे ही राहुल अपने कमरे में पहुंचा, वह देखा कि उस स्त्री का रूप बदल गया है। वह एक डायन बन गई थी। डायन उसे देखकर मुस्कराई और उसके पास आई। राहुल की हालत और बिगड़ गई, और उसने अपनी चप्पल पकड़ी और डायन को मारने की कोशिश की।

लड़ाई के दौरान, राहुल को अचानक उसी डायन का दूसरा रूप दिखाई दिया, जो एक नाचने वाली साड़ी पहने हुई और खुशी की झलक दिखा रही थी। राहुल को ग़ायब हो गई और जब उसने अपनी आंखें खोलीं, वह अपने कमरे में सो रहा था।

यह देखकर राहुल को डर लगा और वह समझ गया कि वह एक सपना देख रहा था। वह जब अपने बेड पर लेटा, तो उसे उसी डायन का दूसरा रूप फिर से दिखाई दिया। डायन ने कहा, "राहुल, तू मेरे वश में है। अब तू मेरे साथ रहेगा।"

डायन ने राहुल को अपने बाहों में ले लिया और उसे वहीं नींद में लिपटा दिया। राहुल जब अगली सुबह जागा, तो उसे वह अपने कमरे में ही पाया, लेकिन डायन कहीं नज़र नहीं आई।

राहुल ने अपनी माता-पिता को यह सबघटना बताई और वे उसे हंसते हुए सुनाते रहे। राहुल को अपनी डरावनी और भयंकर सपने की एक सीख मिली कि अकेले में वह अपने डर का सामना कर सकता है और यह सिर्फ एक सपना था। उसका डर उसकी मनःस्थिति से आया था और उसे अपने मन को नियंत्रित करने की जरूरत थी।

यह घटना राहुल की जिंदगी में बदलाव लाई। वह डरपोकता से बहार निकलकर अपनी दृढ़ता को मजबूत करने और अपने डरों का सामना करने का प्रयास करने लगा। उसने भूत-प्रेत की कहानियों को छोड़कर अपने आप पर विश्वास करना शुरू किया।

उसकी माता-पिता ने भी उसे समर्थन दिया और उसे अपने डर को पार करने के लिए प्रोत्साहित किया। राहुल ने अपनी डर की विजय प्राप्त की और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहे।

यह कहानी हमें यह बताती है कि हमारे अंदर के डर का सामना करना आवश्यक है और जब हम उससे लड़ते हैं, तो हम अपने आप को मजबूत बना सकते हैं। हमें अपनी सामर्थ्य पर विश्वास रखना चाहिए और हमेशा प्रयास करना चाहिए कि हम अपने डरों को पार करें और अपने जीवन को पूरी तरह से जी सकें।

रहस्यमयी मकान की डायन



एक बहुत समय पहले की बात है, जब एक छोटे से गांव में एक डरावना रहस्यमयी मकान था। यह मकान किसी आदिवासी औरत के नाम से प्रसिद्ध था, जिसे सब "एक डायन" के नाम से जानते थे। इसका खौफपूर्ण इतिहास सुनकर लोग उसे अविश्वसनीय समझते थे।

उस गांव में एक दिन, एक मौन और अकेला युवक नाम रवि अपने दोस्तों के साथ उस मकान के पास गया। रवि को डर की कोई परवाह नहीं थी और वह उसे एक चुनौती के रूप में देख रहा था। उसने अपने दोस्तों को कहा, "मुझे लगता है कि यह डायन की कहानी बस एक किस्सा है, और कुछ नहीं। मैं इस मकान में जा रहा हूँ और एक सच्ची खोज करूँगा।"

रवि और उसके दोस्तों ने रात्रि में मकान के अंदर की ओर प्रवेश किया। अंदर चलते ही, वे सभी एक बड़े कमरे में पहुंचे, जहां एक विशालकाय मंच पर एक गहरे सूर्य की तस्वीर थी। धीरे-धीरे, वे सभी की आवाजें बंद हो गईं और एक अद्भुत सन्देश की आवाज सुनाई दी - "मुझे इस मंच पर नृत्य करने की इच्छा है। जो भी मेरी इच्छा को पूरा करेगा, वह यहां से समृद्धि और सुख के साथ जाएगा, लेकिन जो विरोध करेगा, वह यहां से नहीं जीवित बाहर निकलेगा।"

रवि और उसके दोस्तों के मन में उत्सुकता भरी थी और वे मंच पर नृत्य करने का निर्णय लिया। एक दोस्त ने मंच पर नृत्य करने की शुरुआत की और वे सभी उसके पीछे चले गए। एक एक करके, वे सभी मंच पर नृत्य करने लगे।

धीरे-धीरे, वे सभी को मंच की ओर खींचती डायन की हंसी सुनाई दी और वे सभी डर के मारे अद्भुत सन्देश से वापस आ गए। वे देखते हैं कि जो दोस्त मंच पर नृत्य कर रहा था, उसकी आंखें बंद थीं और उसकी सांसें रुक गई थीं। रवि और बाकी दोस्त उसे चिढ़ाने लगे, लेकिन कुछ भी होने के बाद वे देखते हैं कि उस दोस्त की आँखों से रक्त बहने लगा और वह मर गया।

रवि और बाकी दोस्त भयभीत हो गए और वे बचने की कोशिश करने लगे, लेकिन मकान की गलियोमें आवाज सुनाई देने लगीं। वे दौड़ते रहे, लेकिन मकान का रास्ता उन्हें भटकाने लगा। आकाशी बादल घने हो गए और अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। रवि और उसके दोस्त उस डरावने मकान के भीतर चिपके थे, बिल्कुल भीखरे और भयानक हालत में।

बारिश की आवाज बढ़ती गई और रवि धीरे-धीरे एक सुराही की आवाज सुनने लगा। उसने दोस्तों को संकेत किया और उन्होंने वहां की ओर दौड़ते हुए प्रवेश किया। जब वे सुराही के पास पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि यह डायन की सुराही थी।

रवि और उसके दोस्तों को समझ में आ गया कि वे मकान के आवासी हो गए हैं और डायन उनकी जान लेने के लिए इंतजार कर रही है। वे अपनी ताकत को जुटाने के लिए एक-दूसरे को सामरिक आधार देने लगे और एक युद्ध की तैयारी में जुट गए।

बारिश तेज हो गई और वे मकान के भीतर लड़ाई चलाने लगे। डायन अपनी शक्ति का उपयोग करके उन्हें हराने की कोशिश कर रही थी, लेकिन रवि और उसके दोस्त अपने सामरिक योग्यता का उपयोग कर अपनी रक्षा कर रहे थे।

धीरे-धीरे, वे डायन को हराने में सफल हो गए और उसे मकान से बाहर निकाल दिया। डायन की ताकत तोड़ने के बाद, मकान का वातावरण शांत हो गया और रवि और उसके दोस्त आवासी गांव वापस लौट आए।

वहीं से उस दिन के बाद, गांव के लोग डायन की अस्तित्व में विश्वास करने लगे और उस मकान को पूरी तरह से त्याग दिया। वे डायन के साथ जुड़ी हुई कोई भी वारदात नहीं देखना चाहते थे और वहां से दूर रहने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन रवि और उसके दोस्त जानते थे कि उन्होंने वह रहस्यमयी मकान की सच्चाई देख ली थी, जो उनके लिए एक अद्भुत और डरावनी अनुभव बन गया।

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