पिशाच की दोस्ती

यह कहानी एक छोटे से गाँव के एक आदमी के बारे में है, जिनका नाम रवि था। रवि एक सामान्य और ईमानदार आदमी था, जो अपने परिवार के साथ एक छोटे से खूबसूरत घर में रहता था। उसका परिवार उसकी पत्नी सुमित्रा और बेटी सिमा से मिलकर बनता था। रवि के गाँव में एक पुराना मकबरा था, जिसके पास एक पुराना बड़ा और डरावना बगीचा था। गाँववाले इसे "पिशाच का बगीचा" कहते थे, क्योंकि कहा जाता था कि इस बगीचे में पिशाच रात के समय बसते हैं। रवि का बीता हुआ जीवन खुशी-खुशी बीत रहा था, लेकिन एक दिन उसकी बेटी सिमा बगीचे के बारे में सुनकर डर गई और रात को सोते समय डर के मारे उनके पास आई। सिमा ने अपने पिता से कहा, "पिताजी, क्या पिशाच वाकई बगीचे में रहते हैं? मुझे डर लगता है।" रवि ने उसकी चिंता दूर करने का प्रयास किया और कहा, "सिमा, ऐसा कुछ नहीं है। वो सब केवल किस्से हैं। हमारे गाँववाले डर का इस्तेमाल करते हैं ताकि बच्चे अपने काम पर लग जाएं और रात को समय पर सो सकें।" लेकिन सिमा का डर कम नहीं हुआ, और वह हर रात बगीचे की ओर देखती रहती थी। एक दिन, वह निर्णय लिया कि वह बगीचे...