कहानी का नाम: "डायन की वापसी"

 




एक गाँव में एक सुंदर सी लड़की नामक लावण्या रहती थी। वह गाँव की सबसे प्यारी और समझदार लड़की थी। उसके बावजूद, गाँव के लोग किसी वजह से उसे डायन मानने लगे थे।


एक दिन, लावण्या गाँव के आले-बाले जंगल में खेल रही थी। वह एक खोया हुआ सिपाही का बच्चा देखा और उसे अपने साथ लेकर आई। उसकी मासूमियत ने उसके दिल को छू लिया।


लावण्या ने बच्चे को अपने गाँव ले जाकर उसकी देखभाल की, जिससे उसकी अच्छी आत्मा को सबको दिखाने का मौका मिला। इसके परिणामस्वरूप, लोग उसे डायन मानने से बाज आए और उसे एक महिला के रूप में पूजने लगे।


लावण्या ने यह दिखाया कि दिल की अच्छाई हमें असली स्वरूप की पहचान कराती है, और डायन या भूत केवल किसी की भ्रम की बातें होती हैं। वह गाँव के लोगों को एक सच्ची कहानी सिखाई और डायन की जगह एक महिला के रूप में एक अच्छी आत्मा के रूप में पहचाना गया।


इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि विश्वास और दिल की अच्छाई हमें अच्छे और सच्चे इंसान बनाते हैं, और हमें किसी को उसके बाहरी रूप के आधार पर नहीं चर्चा करनी चाहिए

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