एक डायन की हॉरर कहानी

 एक डायन की हॉरर कहानी:




यह कहानी एक गांव के पास के जंगलों में बसे एक डायन के घर की है। उस घर का माहौल हमेशा से ही खौफनाक था। गांववाले डायन के घर के पास कभी भी जाने से बचते थे।


एक दिन, एक बहादुर युवक नामक "रवि" ने डायन के घर की तरफ साहस किया। वह एक पुरानी किताब में पढ़ा था कि डायन के पास एक अद्वितीय खजाना है।


रवि डायन के घर के पास पहुँचा और घर के द्वार पर बंदर की अंकुश तलाशते हुए वह अंदर गया। घर के अंदर सब कुछ डरावना और अजीब था।


रवि धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया और अचानक उसकी आँखों के सामने एक बड़ी झूला पर एक डायन बैठी हुई दिखी। डायन के हाथ में झूला की डोर है।


रवि के दिल की धड़कनें तेज हो गईं, लेकिन वह डायन के पास जाने का साहस किया। वह डोर को काट दिया और झूले पर बैठी डायन से वह खजाना मांगने लगा।


डायन हंसी और बोली, "तुमने जो साहस किया है वह अद्भुत है। मैं तुम्हारे साहस को सराहती हूँ। तुम्हारी मंग कुछ और है, तुम अब कैसे बचोगे?"


रवि थर्राया, लेकिन डायन ने उसे एक छल के साथ छोड़ दिया और कहा, "तुम्हें जब मेरी मदद की आवश्यकता होगी, तो मुझे यह खजाना लौटाना होगा।"


रवि घर से बाहर निकला और खजाने के साथ अद्वितीय अनुभव से लौटा, जिसने उसकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया।


इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी हमारे साहस और विश्वास हमें अद्वितीय अनुभवों तक पहुँचा सकते हैं, चाहे हमारे सामने डायन जैसी चुनौतियाँ क्यों ना हों।

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